रायते की दावत !



ठेठ, देसी भाषा में, 

रायता वही फैलायें, और उत्ता ही फैलायें, 
जो खुद, समेट लेने का, 
इरादा भी रखते हों, और माद्दा भी। ☝️

रायता पहले ही, बहुतेरा फैला हुआ है, 
इसे और फैलाने, और, 
औरों के लिए, समेटने को छोड़ देने की, 
कृपा करें, कोई जरूरत नहीं 🙏

जहाँ तक, हमारा खुद का सवाल है, 
ऐसे फैले पड़े हैं, 
कि सिमटना, आसान कहाँ ? 
शायद बटोरे ही जायें, किसी दिन 🤗



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THE QUEUE....