सुप्रभात् ! 😀

असार, ही भड़भड़ा रहा है, मेरे दोस्त ! ये सुख का, खुशियों का, संतोष का दरवाजा, अन्दर की तरफ़, तेरे ही अन्दर की तरफ खुलता है। बाहर तो है, कुछ भी नहीं !


No comments:

THE QUEUE....