आज गणतंत्र दिवस है, एक दूसरे की तरफ से, और सबकी तरफ से, सभी को बधाई, और शुभकामनायें भी !👏👏👏👍
गणतन्त्र दिवस, यानी खुद अपना ही बनाया संविधान, अपने ही ऊपर लागू करने का, संकल्प लेने का दिन। संविधान बोलें तो, सामाजिक मर्यादाओं का संकलन। क्या करना है, क्या नहीं करना है, का अभिलेख। आपके अधिकार, मगर उनसे पहले, आपके कर्तव्यों का लेखा जोखा।
मर्यादाओं के बिना कोई समाज, एक दिन भी नहीं चलता । ये रोकती नहीं, नियंत्रित करती हैं, उड़ती हुई पतंग की डोरी की तरह। इससे मुक्ति की कोशिश, आत्म हत्या से, किसी तरह भी कम नहीं। डोरी खोल दी जाये, तो पंतग, आसमान नहीं छुआ करती, जमीन पर आ गिरती है, पलक झपकते।
एक अपेक्षा, हम सभी यह बात समझें, सोचें और अनुसरण भी करें। आज के दिन, भारत की जय, बोलते तो हर साल आये हैं, इस बार कुछ अलग कर के देखें । भारत की जय, बोलने के साथ-साथ, थोड़ी-बहुत, करें भी, अपने सक्रिय योगदान के माध्यम से। शुरुआत, भले छोटी सी हो मगर, ईमानदार हो, मजबूत हो।
जय हिन्द !
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