टैरेस गार्डन !

उसकी बगिया के, तमाम पौधों की, बात ही कुछ और थी। क्या तो ताज़गी, फूलों के खिलते, गहरे रंग, कैसी मदमाती महक, टहनियों में, पत्तों में, एक अनोखी सी चमक, ऊर्जा, जो भी देखता, देखता ही रह जाता। 

एक अतिथि, पूछ ही बैठे, " कैसे करते हैं, आप ? ये राज़ क्या है, कोई खास शैली, खाद-पानी, या कुछ खास ट्रिमिंग टेक्नीक ??"

उत्तर मिला, "मैं पौधे उगाता कोनी, उगने देता हूँ, केवल सरल-सहज पोषण। कोई भरा-भरी नहीं, जरूरत भर पोषण, ये अपने-आप ले लेते हैं, कोई जबरदस्ती नहीं, हाँ, रास्ते में कुछ रोक रहा होता है, तो उससे जूझने, या हटाने में मदद करता हूँ, जरूरत भर।"

बच्चों की परवरिश का भी, कुछ-कुछ ऐसा ही है 🤗

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THE QUEUE....