सुखद नींद और नरम, मुलायम, गुदगुदे गद्दे !


उम्र गुज़ार देते हैं, लोग, एक शानदार, नरम, मुलायम, गुदगुदे, अद्वितीय, ईर्ष्याजनक, गद्दे की तलाश में। हासिल हो जाये, तो भी रात बीतती है, करवटें बदलते बदलते ही। क्या है कि, नींद तो आती ही नहीं, जितना जतन करो, भागती है, उतना ही दूर।

तो कुछ लोग हैं, लेटे नहीं, और पलकें, अपने-आप बन्द होने लगती हैं, इत्ती गहरी नींद कि आँख, सुबह ही खुले, और जब उठें, तरो-ताज़ा, फुल्ली रिचार्जड् ! कोई दवा, कोई गोली, कोई इतर उपाय की, ना कोई जगह, ना जरूरत।

ऐसे लोगों के लिए, गद्दे का कोई विशेष महत्व है नहीं, शानदार हो, बेहद कीमती, या साधारण, या ना भी हो, सुखद नींद तो आ ही रही है, ना ? फिर और करना भी क्या 🤗

हर गद्दे का, अन्त प्रयोजन, अच्छी, सुखद, नींद ! आप अगर किसी गद्दे के लिए, अपनी नींदें ही उड़ाने पर तुले हुए हो, तो रुक कर, एक बार फिर से, और नये सिरे से सोचने की जरूरत तो है, नहीं ? 🤔

चलते-चलते : ये भी, कि कुछ लोग, आदत से मजबूर भी हुआ करते हैं, मंजिल आ भी गई हो, सफर जारी रखते हैं। एक बुजुर्ग को जानता हूँ, सोने के लिये, नींद की गोली, लिया करते थे, इतने नियम से, कि अगर कभी भूल जायें, तो नींद आ ही जाये, बिना गोली खाये तो जब खुलती, पहला काम, ध्यान से नींद की गोली खाना, भले सुबह हो चुकी हो 😂

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