चन्द लम्हे खुशियों के, यानी क्षण आनन्द के, सुख के, बाबा के मोल। आजकल मिलते ही कहाँ हैं ? भाग्य की बात !
आपको जब मिलें तो जी भर के जीना, एक एक बूंद पी लेना, उत्सव मनाना। बार बार कहाँ ही होता है, मगर एक काम और भी करना, कारण भी खोजने का प्रयास करना। आसान नहीं है, मगर करना जरूर !
अगर सफल हुये, तो सौभाग्य, उपाय मिल गया। जब मन हो, इसी रास्ते चल देना। मगर कठिनाई भी है, एक तो ऐसे रास्ते स्थाई नहीं होते, अच्छे रास्तों पर, टूट-फूट कुछ ज्यादा ही जल्दी होती है। और फिर, रास्ते पर बार-बार आना जाना हो तो फिर वो नया कब रहता है, आदत होती जाती है और असर कम होता जाता है। एक दिन, बेकार !
वजह, अगर ना मिल पाये, तो निराश होने की नहीं, परम संतोष की बात है। परम सौभाग्य 👌। अगर सच में, अकारण है तो वह शाश्वत होगा। कारण ही नहीं, तो समाप्त क्या होगा, यह आपके साथ-साथ, हमेशा हमेशा रहने वाला है। आप पार हुए !
नैनं छिदंति शस्त्राणं, नैनं दहति पावकः ... 👍
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