एक प्यार का नगमा है, मौजौं की रवानी है,
जिन्दगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी... (साभार 🙏)
जी हॉं, बेशक !
इसे लिखें भी, खुद ही, अपने ही हाथों से,
और हॉं, बीच-बीच में चैक भी करते रहें, जहॉं ठीक लगे, जरूरी लगे, सुधारते भी चलें, फिनिश़ अच्छी मिलेगी !
👍
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