Interactive Highlights 200721


नमस्कार 🙏,

आज मेड अवकाश पर है, वैक्सीन लगवाने गई है, तो धर्म पत्नी पर काम का बोझा, थोड़ा एक्सट्रा है।

दूध को आप से उबलने छोड़ दो, तो नियंत्रण बाह्य होते देर नहीं लगती, तो यह प्रक्रिया, अपनी निजी देखरेख में, सम्पादित कराने का अनुरोध हुआ है।

चुनांचे, दूध उबलते देख रहा हूँ, और सोच भी रहा हूँ कि उबलने से तात्पर्य है, एक निश्चित तापमान तक पहुँचना, आयतन बढ़ने लगता है जिसे सीमांत पर रोक देना। यही कर्तव्य है, धर्म है, योग्य है । कतिपय हानिकारक जीवाणुओं के शमन में, सहायक होता है।

फिर लगता है कि तापमान छूना भर पर्याप्त नहीं, इतने भर से जीवाणुओं का बाल भी बांका हो, कोई जरूरी नहीं। उस तापमान पर, जरूरत भर, रुकना, और जीवाणुओं का समूल नाश सुनिश्चित करना, आवश्यक होना चाहिए। कितना ? नो आइडिया !

अपने यहाँ, अनेक जीवन वैज्ञानिक भी होगें ही। कोई विद्वान प्रकाश डालना चाहें 😀

ये अपुन का स्टाइल है। पूछना है कि दूध कितनी देर उबालना चाहिये ?


1.

"हर चीज का एक बैलेंस होना बहुत आवश्यक है ज्यादा उबाल भी खतरनाक साबित हो सकता है और बिल्कुल शांत रहना भी खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए किसी भी चीज को नष्ट करने के लिए जो कि आप को नुकसान पहुंचाती है थोड़ा उबाल भी जरूरी है बट उस उबाल पर कंट्रोल होना भी बहुत जरूरी है🙏🏻"

"आदर्श जवाब, सरकारी सा। छानने बैठो, तो उपयोगी ? उससे क्या ??"


2.

"जीव वैज्ञानिक जो भी कहें, सम्भवतः महामहिम की आपसे इतनी सी अपेक्षा है कि दूध में उबाल भी आये और भगोने की मर्यादा रेखा को पार भी न कर सके। इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु कुकिंग रेंज की knob  का प्रयोग निर्बाध रूप से किया जा सकता है।

वैधानिक चेतावनी-

न्यूटन या जेम्स वाट बनने के चक्कर में यदि दूध उबाल कर बाहर गिर गया तो महामहिम के मन का उबाल अत्यंत घातक होगा। 😊😛😛

जीवाणु संहार हेतु एक उबाल काफी है। 😌"

"यथार्थ ! वैसे जिज्ञासा, भावी संदर्भ हेतु, और दूध उबाल कर सुरक्षित रख देने के बाद ही प्रकट की गई थी 👍"

"😊😌"

"पिछले दिनों, जाते जाते कुकर की सीटियाँ, तीन तक गिनने के निर्देश मिले थे। मैंने तो अट्ठाइस तक गिनीं, फिर आनी ही बन्द हो गईं। इसके बाद भी नाराज़गी, अभी तक समझ नहीं आई 🤔"


3.

"उबालना खुदगर्ज़ वयवस्था है जो इंसान ने बनाई है । वरना दूध को तो कच्चा ही गृहण किया जा सकता है"

"केवल ताजा दूध, दीपक जी, तत्काल निकाला गया !"

"We want to hold or hoard, which nature want immediate use"

"Won't disagree. Natural is catering for immediate needs. We wish to insure future, too. That leads to hoarding, imbalance and many more complications, that we are paying so dearly for"


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