शुरू में तो,
अफीम चटाई जाती है, पैसे भी नी,
और जब लग जाये, लत, पैसे, मुँह-मांगे,
और निज़ात ? "वो क्या होती है ?"
शादियों का भी, ऐसा ही है, कुछ-कुछ।
वरना, शादी से पहले, भले अस्त-व्यस्त थे,
मगर ज़िन्दा तो थे ही, और,
"हलो !"
...ज्यादा मस्त थे ! 😂
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