Compete ! Sure... but, how ?


किसी को छोटा कर, खुद को बड़ा, दिखाने की कोशिश, अन्ततः आत्मघाती और दुर्भाग्यपूर्ण ही निकलती है। इसलिए कि, विपक्षी भी तो, खुद को बड़ा बनाए रखने के लिए, आपको छोड़ेगा कोनी, छाँट के ही दम लेगा, ना ? इस अन्तहीन मूर्खता की, स्वाभाविक परिणति, दोनों ही ध्वस्त !

उलट इसके, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा हो, एक दूसरे से आगे निकलने की, सकारात्मक कोशिश, जिसे आपके दोनों पैर, दोनों ही, आगे जायेंगे, नई नई ऊँचाइयाँ प्राप्त करेंगे, इतनीं कि, आगे पीछे की बात ही, बेमानी हो जाये। ये परम सौभाग्य की, बात है।

आप, कौन तरकीब से, चल रहे हैं ?

I water you, you water me...  

Let's grow together.

I clip you, you clip me back...

Let's finish together.

Choose wisely, choose pronto.


It's MUCH DELAYED, already !

No comments:

THE QUEUE....