बहुत मेहनत की उसने, उमर, सारी लग गई, तब कहीं जा कर पारंगत हो पाया, इतना कि, जिस काम में, औरों को पूरा पूरा दिन लगे, वो कर डाले, पलक झपकते, और कम्पेरीज़न ही कोई नहीं। माँ-बाप, भाई-बहन, यार-दोस्त, सब के सब खफ़ा, जाने क्या करता रहता है, हमारे लिए तो, टाइम ही नी।
शादी हुई, अब बीवी नाराज रहती है कि, एक बगल वाले गुप्ता जी को देखो, पूरा पूरा दिन, लगे रहते हैं, फैमिली की ख़ातिर, एक तुम ? टाइम ही नी देते, काम कोई भी हो, मिनटों में फारिग ! 😂
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