So sorry, my dear Thomso's 1980 !

 


तमाम हाथ-पैर मारने के बावज़ूद, पहुँच ना पाने के लिए, हार्दिक खेद सहित, समर्पित, वर्तमान में, IIT Roorkee वर्ष 1980 में उपाधित सभी, सहपाठी तो थे, तब थे, अब दिल के टुकड़ों को, उन सबकी ओर से भी, जो विभिन्न अपरिहार्य, और बाध्यकारी कारणों से, आज 16 मार्च, 2025 से आरम्भ, पुनर्मिलन समारोह में, प्रतिभाग कर सके, अपने विद्या मन्दिर से, भेंट ना कर सके

जो, एक बार आया यहाँ, यहीं का होकर रह गया। स्नेह, और अपनेपन, और कृतज्ञता का, ये बन्धन, इस जनम तो, छूटने से रहा। अच्छे से पता है कि, यह सुअवसर, अब जीवन-भर, शायद ही सके, कहाँ से नहीं आ रहे होंगे, मिलेंगे, एक जमाने के बाद, फिर भी ना पाना ? परिस्थितियाँ निश्चित ही, असाधारण ही रही होंगी, आप ही नहीं समझेंगे तो फिर, कोई भी नहीं समझ पायेगा।

अस्तु, क्षमायाचना, एक बार फिर से। ना सही सशरीर, मन से, हम आपके आस-पास ही विचरते मिलेंगे। तलाश करेंगे, तो दिख भी जायेंगे, नि:सन्देह ! दिल में जरूर चैक करियेगा, वहाँ नहीं मिले, तो फिर कहीं नहीं मिलने वाले। सके होते, तो भी नहीं मिलते।

सबको ढेर सारा प्यार, भगवान करे, आयोजन सफल हो, खूब धमाल हो, पुरानी सब यादें, एक बार फिर से, जिन्दा हो उठें। शुभकामनाएं 👍

ऐश करो, यारो 👍 तस्वीरें लेना, और शेयर करना, भूलना मत ☝️

"कुछ तो मजबूरियाँ, रही होंगी, यूँ कोई, बेवफा नहीं होता !"

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