हरी घास

 




कोई कहता है, घास हरी वो, जो आपके ही कदमों तले मौजूद रहती हो, कोई कहता है कि घास तो, दूर की ही, हरी दिखाई देती है

सब फ़िजूल है साहब !

घास वहीं वहीं की हरी होती है, जहाँ आपने पसीना बहाया हो, हवा-खाद-पानी का ध्यान रखा हो, अन-थक, अनवरत !

No comments:

THE QUEUE....