महत्ता रेनकोट की !


छोटे छोटे पारिश्रमिक, सिक्कों में निपटाए जाते हैं, और बड़े-बड़े नोटों में, जिनकी मान्यता, और मूल्य, निस्संदेह अधिक होता है, मगर ये टिकाऊ कम होते हैं। जरा सी बारिश हो जाये तो, नोटों की जान पर ही बनती है।

चालाक सिक्के-वान, भरी बाल्टी लिए, इसी ताक में, अक्सर खड़े दिख जायेंगे। सिक्कों की कीमत, ज्यादा हो जाती है, सड़े-गले-फटे नोटों के, मुकाबिल।

रेनकोट, बेहद काम का परिधान है, इन हालातों में, और जरूरी भी 😂

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